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नई दिल्ली: अमेरिका और चीन के बीच होने वाले ट्रेड वॉर से भारत पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में यह भविष्यवाणी की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है। लेकिन, भारत की ग्रोथ स्टोरी अभी भी मजबूत है। 2025 में अमेरिका और चीन के बीच संभावित व्यापार युद्ध (ट्रेड वॉर) से दुनियाभर में उठापटक के आसार हैं। लेकिन, भारत इससे अछूता रहेगा।गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2025 में भारत की ग्रोथ थोड़ी कम हो सकती है। जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसदी रहने का अनुमान है। इसकी वजह सरकार का खर्च कम होना और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सख्त नियम हैं। आरबीआई ने महंगाई कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इससे लोन महंगे हो गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में आरबीआई का रुख सावधानी भरा रहेगा। अनुमान है कि आरबीआई साल की पहली तिमाही से ब्याज दरों में कमी शुरू कर देगा। साल के बीच तक ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कमी हो सकती है। कई लोग चाहते हैं कि ग्रोथ बढ़ाने के लिए आरबीआई लोन को सस्ता करे। लेकिन, मजबूत डॉलर और ग्लोबल अनिश्चितता के कारण आरबीआई संभलकर कदम उठाएगा।
आरबीआई रेट घटाने में बरतेगा सावधानी
रिपोर्ट में कहा गया है, 'हालांकि, ग्रोथ कम होने के कारण लोन सस्ता करना जरूरी है। लेकिन, डॉलर के मजबूत होने की वजह से RBI सावधानी बरतेगा।' रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2025 में रेपो रेट में 0.25 फीसदी और अप्रैल में फिर से 0.25 फीसदी की कमी हो सकती है। आरबीआई बाजार में नकदी बनाए रखेगा। इससे बैंकों के बीच ओवरनाइट इंटरबैंक रेट 5.75 फीसदी तक गिर सकती हैं। इससे मौजूदा 6.50 फीसदी के मुकाबले ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की प्रभावी कमी आएगी।
उथल-पुथल के बीच स्थिर बनी रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
रिपोर्ट में ये भी अनुमान लगाया गया है कि कम ब्याज दरों के बावजूद रिटेल लोन की ग्रोथ कम रहेगी। कारण है कि आरबीआई ने लोन देने के नियम सख्त कर दिए हैं। अगले साल महंगाई आरबीआई के लक्ष्य के आसपास रहने की उम्मीद है, लेकिन ब्याज दरों में कटौती सीमित रहेगी।
कुल मिलाकर, भारत की अर्थव्यवस्था ग्लोबल उथल-पुथल के बीच स्थिर बनी रहेगी। 2025 में भले ही कुछ चुनौतियां हों। लेकिन, भारत बाहरी झटकों का सामना करने के लिए तैयार है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में आरबीआई का रुख सावधानी भरा रहेगा। अनुमान है कि आरबीआई साल की पहली तिमाही से ब्याज दरों में कमी शुरू कर देगा। साल के बीच तक ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कमी हो सकती है। कई लोग चाहते हैं कि ग्रोथ बढ़ाने के लिए आरबीआई लोन को सस्ता करे। लेकिन, मजबूत डॉलर और ग्लोबल अनिश्चितता के कारण आरबीआई संभलकर कदम उठाएगा।
आरबीआई रेट घटाने में बरतेगा सावधानी
रिपोर्ट में कहा गया है, 'हालांकि, ग्रोथ कम होने के कारण लोन सस्ता करना जरूरी है। लेकिन, डॉलर के मजबूत होने की वजह से RBI सावधानी बरतेगा।' रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2025 में रेपो रेट में 0.25 फीसदी और अप्रैल में फिर से 0.25 फीसदी की कमी हो सकती है। आरबीआई बाजार में नकदी बनाए रखेगा। इससे बैंकों के बीच ओवरनाइट इंटरबैंक रेट 5.75 फीसदी तक गिर सकती हैं। इससे मौजूदा 6.50 फीसदी के मुकाबले ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की प्रभावी कमी आएगी।उथल-पुथल के बीच स्थिर बनी रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
रिपोर्ट में ये भी अनुमान लगाया गया है कि कम ब्याज दरों के बावजूद रिटेल लोन की ग्रोथ कम रहेगी। कारण है कि आरबीआई ने लोन देने के नियम सख्त कर दिए हैं। अगले साल महंगाई आरबीआई के लक्ष्य के आसपास रहने की उम्मीद है, लेकिन ब्याज दरों में कटौती सीमित रहेगी।कुल मिलाकर, भारत की अर्थव्यवस्था ग्लोबल उथल-पुथल के बीच स्थिर बनी रहेगी। 2025 में भले ही कुछ चुनौतियां हों। लेकिन, भारत बाहरी झटकों का सामना करने के लिए तैयार है।
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